-राज्यपाल ने कहा, नागरिको को जल संरक्षण के साथ जल प्रबंधन पर करना होगा विचार, जल संरक्षण के लिए लाएं दैनिक दिनचर्या में बदलाव
चण्डीगढ़ 20 मार्च- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि केंद्र व हरियाणा सरकार पूरी गंभीरता के साथ कार्य करते हुए जल संरक्षण की दिशा में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से निरंतर प्रयास कर रही हैं। यह प्रयास तभी सार्थक होंगे जब ज्यादा से ज्यादा आमजन इसमे अपना योगदान देंगे। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि हम सभी को जल संरक्षण के साथ साथ जल प्रबंधन पर भी विचार करना होगा। जिसके लिए हमें अपनी दैनिक दिनचर्या की आदतों में भी बदलाव लाना होगा। राज्यपाल आज गुरुग्राम में गुरुग्राम विश्वविद्यालय में जल संरक्षण के राष्ट्रीय कॉन्क्लेव व महा जल मेला कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम जल संरक्षण के लिए कार्य कर रही संस्था वसंता लक्ष्मी चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित था।
राज्यपाल ने कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को जल संरक्षण की शपथ दिलाने उपरांत अपने संबोधन में कहा कि प्रकृति ने हमें बहुमूल्य चीजो से नवाजा है जिसमें जल भी है। उन्होंने कहा कि जल उपलब्धता में प्रकृति की ओर से कोई कमी नही है। यह कमी हम सभी की है कि हमारे मन में जल संरक्षण का विचार नही आता। मानव जीवन तभी सार्थक है जब हम पर्यावरण के लिए कार्य करते हुए आगे बढ़ेंगे। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में जिस प्रकार से जल का दुरूपयोग हो रहा है, वह हमारे लिए निश्चित रूप से चिन्ता का विषय है। इसके लिए हमें पानी के अनुकूल फसलों को उगाने के लिए लोगों को प्रेरित करने की जरूरत है जिसमें पानी का बेहतर उपयोग हो।
श्री दत्तात्रेय ने जल संरक्षण की दिशा में प्रयासरत हरियाणा सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार स्थायी जल सुरक्षा के क्षेत्र में अपने लोगों की जरूरतों को पूरा करने में सक्रिय भूमिका निभा रही है। इन कार्यक्रमों में मेरा पानी, मेरी विरासत पहल के तहत किसानों का एक बड़ा हिस्सा जल-गहन धान की खेती से कम पानी-गहन खेती की ओर स्थानांतरित हुआ है। जिससे भारी मात्रा में पानी की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में भूजल के व्यापक प्रबंधन और विकास के लिए हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण और हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण भी स्थापित किया है। हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण राज्य में आठ हजार से अधिक पारंपरिक जल निकायों के कायाकल्प के मिशन पर काम कर रहा है, जो स्थानीय समुदायों के साथ-साथ पूरे राज्य में भूजल पुनर्भरण के लिए एक बड़ा कदम होगा। हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण ने सिंचाई और जल संसाधन विभाग को जल संरक्षण योजनाओं, जल निकायों और अभिनव परियोजनाओं के लिए उनसठ करोड़ पचहतर लाख रूपए कीे मंजूरी दी है और शिक्षा विभाग को हरियाणा राज्य के स्कूलों में वर्षा जल संचयन संरचनाओं के लिए मंजूरी दी है।
राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा तालाबों में बहने वाले अपशिष्ट जल को कंस्ट्रेक्टड वेटलैंड तकनीक के माध्यम से उपचारित किया जा रहा है, ताकि इन जीर्णोंद्धार किए गए तालाबों के जल का उपयोग मछली पालन, मवेशियों के उपयोग के साथ-साथ सूक्ष्म सिंचाई के लिए किया जा सके। प्राधिकरण ने अतिप्रवाहित तालाबों सहित सभी प्रदूषित तालाबों के जीर्णोंद्धार की कार्य योजना तैयार की है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में
मिशन अमृत सरोवर योजना के तहत बारह सौ चैहतर तालाबों को अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत चिन्हित किया गया है, जिसमें बारह सौ इकत्तीस ग्रामीण व तैतालीस शहरी तालाब शामिल है। कुल बारह सौ चैहतर में से दो सौ सतानवे तालाबों के जीर्णोंद्धार का कार्य पूर्ण हो चुका है, इसके अतिरिक्त मनरेगा योजना के तहत तैरह सौ पचास चिन्हित तालाबों का जीर्णोंद्धार किया जाना प्रस्तावित है, जिसमें से सात सौ छब्बीस तालाबों का जीर्णोंद्धार किया जा चुका है।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा में अब तक संपन्न किए जा चुके तालाबों में लगभग चैंतीस प्रतिशत तक जल धारण क्षमता में वृद्धि हुई है, इसके अतिरिक्त निरंतर गिरते जा रहे भूजल स्तर में सुधार व तालाबों के आसपास का वातावरण स्वच्छ बनाए रखने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। राज्यपाल ने वसंता लक्ष्मी चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा जल संरक्षण को लेकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक शुरू की गई जन धन यात्रा पर कहा कि यह यात्रा निश्चित ही समाज मे जल संरक्षण को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। श्री दत्तात्रेय ने कार्यक्रम में हरियाणा प्रदेश में स्थायी जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए किए गए सर्वोत्तम प्रयासों की एक पुस्तिका का भी विमोचन किया।
कार्यक्रम में गुरुग्राम विश्वविद्यालय के वीसी दिनेश कुमार, आरएसएस के पर्यावरण विभाग के राष्ट्रीय संयोजक गोपाल आर्य, वसंता लक्ष्मी चेरिटेबल ट्रस्ट से टी. वसंता लक्ष्मी सहित काफी संख्या में विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, विद्यार्थी व अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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