मुरलीधर डीएवी स्कूल मे मोडल संयुक्त राष्ट्र का आयोजन
भारत ने मांगी स्थायी सदस्य्ता
स्थायी सदस्य्ता के लिए भारत की मांग का पाकिस्तान और चीन ने किया विरोध
इजराइल ने आंतकवाद पर लगाम लगाने की जरुरत पर बल दिया
जापान ने कहा अंतराष्ट्रीय तनाव के बीच न्यूकलीयर सेफ्टी पर ध्यान देना होगा
विद्यार्थियों को अंतराष्ट्रीय मामलो की समझ देने और संयुक्त राष्ट्र संघ की विभिन्न परिषदों की कार्य प्रणाली से अवगत कराने के लिए मुरलीधर डीएवी स्कूल मे राजनीति विज्ञान की शिक्षिका मोनिका कालड़ा के मार्ग दर्शन मे मौडल यूनाइटेड नेशनस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे विद्यालय के लगभग 100 बच्चो ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य आर आर सूरी ने की। कार्यक्रम की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र के महा सचिव के भूमिका निभा रहे 10 वीं कक्षा के छात्र हर्षित के भाषण से हुई जिसमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों के मद्देनजर सभी सदस्य देशों द्वारा विश्व मे शांति बनाये रखने का आह्वान किया। वहीँ संयुक्त राष्ट्र की महासभा के अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे छात्र प्रथम ने विश्व के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सभी सदस्य देशो से ईमानदारी से प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम मे अमेरिका के राष्ट्रपति की भूमिका जहाँ छात्र सारांश ने निभाई वहीं इजराइल के प्रधानमंत्री की भूमिका वैभव जिंदल ने अदा की। इजराइल की ओर से कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय शांति स्थापना के लिए विश्व से आतंकवाद का खात्मा जरूरी है।
भारत की ओर से इजराइल के आतंकवाद के प्रति इजराइल के इस रुख का समर्थन किया गया और कहा गया कि मामले मे पाकिस्तान और कनाडा को अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करना चाहिए। भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप मे छात्र माधव शर्मा और विदेश मंत्री एस जयशंकर के रूप मे छात्र जतिन भी कार्यक्रम मे मौजूद रहे। भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् ने न केवल स्थाई सदस्य्ता की मांग प्रभावपूर्ण ढंग से उठाई गई बल्कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए गैर परम्परागत ऊर्जा स्त्रोतों की अपेक्षा सौर ऊर्जा के प्रयोग पर बल दिया। हालांकि सुरक्षा परिषद् में स्थाई सदस्य्ता की भारत की मांग का पाकिस्तान और चीन की ओर से विरोध किया गया।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य ने शिक्षिका मोनिका कालड़ा के इस कार्यक्रम के आयोजन सम्बन्धी प्रयासो के सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से विधार्थियों की न केवल अंतराष्ट्रीय मसलो पर गहरी समझ बनती है बल्कि वे संयुक्त राष्ट्र जैसी प्रतिष्ठित अंतराष्ट्रीय संस्था की कार्य प्रणाली से भी अवगत होते है और राजनीति विज्ञान जैसे जटिल विषय को सरलता से समझ पाते है। अंत मे कार्यक्रम मे भाग लेने वाले सभी बच्चो को शिक्षिका मोनिका कालड़ा की अनुशंसा पर प्राचार्य ने प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया।