अम्बाला:-1 अप्रैल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित पूरी भाजपा कांग्रेस की बढती हुई लोकप्रियता से बौखलाई हुई है। इसी बौखलाहट के तहत राहुल गांधी की आवाज को बंद करने के लिए साजिश रची जा रही है।
पूर्व विधायक एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य जसबीर मलौर ने अपने आवास पर आज पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि एक ऐसा केस जो वर्ष 2019 में चुनावी भाषण को आधार बनाकर दर्ज करवाया गया था। राजनीति में एक-दूसरे राजनैतिक दल के विरूद्ध इस तरह के आरोप प्रत्यारोप एक सामान्य बात होती है लेकिन 2019 के इस मामले को उस समय तुल दिया गया जब 7 फरवरी को राहुल गांधी ने लोकसभा में प्रधानमंत्री और अडानी के बीच के संबधों पर जोरदार भाषण दिया था। विशेष बात यह है कि शिकायतकर्ता ने उच्च न्यायालय में अनुरोध करके 7 मार्च 2022 को इस केस पर स्वयं स्टे लगवाया था। अब चुनाव को नजदीक देखकर और राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा से देश मे कांग्रेस के पक्ष में बन रहे माहौल के कारण उनकी सदस्यता रदृद करने की साजिश रची गई है। जिस न्यायालय ने राहुल गांधी को दो वर्ष की सजा सुनाई थी उसने अपने फैसले के विरूद्ध अपील के लिए 30 दिन का समय भी दिया था लेकिन भाजपा के इसारे पर लोकसभा स्पीकर ने मात्र 48 घंटे में उनकी सदस्यता रदद करने का फरमान जारी कर दिया। यह पूरा घटनाक्रम संसद में राहुल गांधी द्वारा अडानी और मोदी के संबधों पर दिए गये भाषण के मात्र 9 दिन में घटित हुआ है।
22 मार्च को फाईनांसियल टाईम्स ने इस बात को उज्जागर किया था कि अडानी परिवार से जुडी इकाईयों में 23 हजार करोड रूपया कहां से आया है। इस सच्चाई का परदा फाश होने के डर से यह पूरा षडयंत्र रचा है। यह सब भारतीय जनता पार्टी की उस दीर्घकालीन योजना का हिस्सा है जिसमें कोई भी विपक्षी नेता सरकार के विरूद्ध आवाज न उठा सके और भाजपा के कुक्रमों से जनता का ध्यान बांटने के लिए ऐसे कार्रवाई की जा रही है। अब ओबीसी का अपमान करने का बेतुका नैरेटीव घडने का प्रयास किया जा रहा है जबकि राहुल गांधी ने मात्र इतना सवाल उठाया था कि कुछ चोरों का उपनाम मोदी ही क्यों है। उन्होंने कहा कि मैं तो नीरव मोदी और न ही ललित मोदी ओबीसी हैं और उनकी जाति जो भी हो क्या उन्हांेने धोखाधडी नही की है। देश की जनता को यह जानने का अधिकार है कि भाजपा धोखेबाजों को क्यों बचा रही है।
राहुल गांधी जब से राजनीति में है उन्होंने ओबीसी सहित सभी वर्गों के हकों की आवाज उठाई है। भारत जोडो यात्रा के दौरान भी उन्होंने किसानों, मनरेगा मजदूरों, रेहडी फडी वालों, छोटे दुकानदारों, मध्यमवर्गीय लोगों, व्यापारियों, खिलाडियों और उद्यमियों के प्रतिनिधिमंडलों से मिलकर उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया और संसद के अंदर व बाहर उनको जोरदार तरीके से उठाकर सरकार को कटघडे मे खडा किया है। उन्होंने कहा कि अपराधिक मानहानि के लिए अधिकतर दो साल की सजा अब तक कभी नही हुई है और शायद ही ऐसा कोई मामला हो, विशेष रूप से एक निर्वाचित प्रतिनिधि को मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाई गई हो। भाजपा से जुडे नेताओं के मामले में ढील दी जा रही है। उत्तर प्रदेष के बांद्रा में भाजपा सांसद आर के सिंह पटेल को नवम्बर में ट्रेन रोकने, सार्वजनिक सडकों को अवरूद्ध करने व पुलिस कर्मियों पर पथराव करने पर दोषी ठहराया गया था लेकिन उन्हें केवल एक साल की सजा हुई है। अंग्रेज भी अपने शासन काल में महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल ओर मोलाना आजाद को राजद्रोह का दुरूपयोग करके और उन्हें जेल में डालकर सजा देते थे लेकिन अंत में जीत कांग्रेस नेताओं की हुई थी। अब मोदी सरकार चोरों और घोटालेबाजों का परदा फाश करने के लिए राहुल गांधी को निशाना बना रही है लेकिन जीत फिर भी कांग्रेस पार्टी की होगी। राहुल गांधी का एंजैडा किसी को बदनाम करना नहीं था बल्कि भ्रष्टाचार और जन कल्याण के मुददो को उठाना था और सरकार सच्चाई सुनने की बजाए विरोधियों की आवाज दबा रही है।इस मौके पर लाभ सिंह ठरवा ,अवतार दौदपुर ,काला मलौर , अमरजीत समालखी , बलजीत सिंह, बलजिदंर खैरा तरणदीप पूनिया, सुभाष फौजी , राहुल भारद्वाज, महेन्द्र जण्डली सहित अन्य मौजूद रहे ।