अम्बाला, 21 फरवरी:-
उपायुक्त डा0 प्रियंका सोनी ने मंगलवार को अपने कार्यालय में पर्यावरण संरक्षण, अवैध निर्माण, अवैध खनन से सम्बन्धित विषयों पर सम्बन्धित अधिकारियों की बैठक लेते हुए विस्तार से समीक्षा की तथा इन सभी विषयों के दृष्टिगत आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये।
अवैध खनन के विषय के तहत उन्होंने कहा कि खनन अधिकारी द्वारा पुलिस के साथ बेहतर समन्वय बनाकर अवैध खनन को रोकने के दृष्टिगत बेहतर कार्य किया जा रहा है। इस कार्य को निरंतरता में जारी रखें। उन्होंने एजेंडे में रखे बिन्दूओं बारे भी जिला खनन अधिकारी से विस्तार से जानकारी हासिल की। जिला खनन अधिकारी अनिल कुमार ने उपायुक्त को बताया कि विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए 31 वाहनों को पकडऩे का काम किया गया है, जिनमें से 7 रिलीज किये गये हैं और जुर्माने के तौर पर 30 लाख 76 हजार रूपये की राशि वसूली गई है। अवैध खनन के तहत पुलिस को 56 एफआईआर दर्ज करने के लिये लिखा गया है, जिनमें से 24 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। बाकी पर कार्रवाई जारी है। उन्होंने यह भी बताया कि जिला में 10 स्क्रीनिंग प्लांट नियमित तौर पर चल रहे हैं। समय-समय पर प्लांटों की चैकिंग भी की जा रही है। उपायुक्त ने जिला खनन अधिकारी को यह भी कहा कि नारायणगढ़ क्षेत्र में केन्द्र सरकार की जो खाली भूमि है, वहां से अवैध खनन नही होना चाहिए, इस पर विशेष ध्यान रखें। पुलिस भी इस कार्य पर नजर रखे। उन्होंने नारायणगढ़ एसडीएम को भी कहा कि वे इस क्षेत्र के तहत किसी प्रकार की रजिस्ट्री न हो, इस गतिविधि पर नजर रखें।
अवैध निर्माण विषय को लेकर उन्होंने जिला नगर योजनाकार से एजेंडे में रखे बिन्दूओं बारे जानकारी लेते हुए समीक्षा की। डीटीपी ने उपायुक्त को बताया कि विभाग द्वारा हर महीने रोस्टर के मुताबिक रूपरेखा तैयार करते हुए जहां पर अवैध निर्माण होता है, वहां पर कार्रवाई की जाती है। फरवरी मास में 6 स्थानों पर यह कार्रवाई की जानी है, जिनमें से 3 पर कार्रवाई की जा चुकी है। पुलिस को इस विषय के तहत दो एफआईआर दर्ज करने के लिये लिखा गया है, जिनमें से एक एफआईआर दर्ज हो चुकी है। उपायुक्त ने बैठक में एसडीएम बराड़ा व नारायणगढ़ को अवगत करवाया कि उनके क्षेत्रों के तहत कंट्रोल एरिया घोषित किया जाना है, इसके लिये सम्बन्धित एसडीएम इस विषय के तहत पूरी रूपरेखा बनाएं ताकि आगामी बैठक में इस पर चर्चा की जा सके। बैठक के क्रम में अवैध कालोनियों को वैध किये जाने सम्बन्धी विषय पर भी समीक्षा की गई। डीटीपी ने बताया कि इस विषय के तहत समय-समय पर आवेदन प्राप्त हो रहे हैं और आवेदनों के मिलते ही औपचारिकता पूरी करते हुए उसे आगामी कार्रवाई के लिये आगे भेजा जा रहा है।
एनजीटी विषय को लेकर एजेंडे में रखे बल्क वेस्ट जरनेट, ड्राइ वेस्ट, सीएंडडी वेस्ट, ई-वेस्ट, घग्गर के नजदीक प्रदूषण, बायो मैडिकल वेस्ट, अनअप्रूव्ड कालोनियों के सीवरेज सम्बन्धित विषयों पर समीक्षा की गई। प्रदूषण बोर्ड के एसडीओ ने उपायुक्त को बताया कि पर्यावरण संरक्षण के तहत डिस्ट्रीक एन्वायरमैंट प्लान बनाया गया है। जस्टिस प्रीतम पाल सिंह सेवानिवृत ने इस विषय के तहत दिसम्बर मास में आयोजित बैठक के दौरान इसमें सुधार के दृष्टिगत सम्बन्धित विभागों के सुझाव भी मांगे थे। नगर निगम के कार्यकारी अभियंत हरीश धीमान ने बताया कि बल्क वेस्ट जनरेट के तहत रेस्टोरेंट व होटलों के संचालको को निर्देश दिये गये हैं कि वे 50 किलो से उपर जो भी वेस्ट है, उसका वे अपने स्तर पर निस्तारण करेंगे। इसके लिये नगर निगम द्वारा 44 रेस्टोरेंट व होटल संचालकों को नोटिस भी जारी किये गये हैं। ड्राइ वेस्ट के तहत एमआरएफ शैड बनाने बारे, सीएंडडी वेस्ट, इंडस्ट्रीज से निकलने वाले ड्राइ वेस्ट जैसे प्लास्टिक इत्यादि विषयों पर भी समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। उपायुक्त ने सम्बन्धित सभी अधिकारियों को कहा कि इन विषयों के तहत जिस विभाग के जो सुझाव एवं कार्य किये जाने हैं, उसकी रिपोर्ट वे तुरंत दें ताकि उसे डिस्ट्रीक एन्वायरमैंट प्लान में शामिल किया जा सके।
बैठक में एसडीएम दर्शन कुमार, आरटीए सुशील कुमार, एएसपी पूजा डाबला, डीएसपी अमरदीप सिंह, जिला खनन अधिकारी अनिल कुमार, डीटीपी नरेश कुमार, डीडीपीओ दिनेश शर्मा, कार्यकारी अभियंता अनिल चौहान, कार्यकारी अभियंता रणबीर त्यागी, कार्यकारी अभियंता हरीश, जिला शिक्षा अधिकारी सुधीर कालड़ा, बागवानी अधिकारी डा0 वीरेन्द्र पूनिया के साथ-साथ अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे
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