‘शुभ तारिका’ (मासिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका) एवं ‘कहानी लेखन महाविद्यालय’ (संस्थान) से जुड़े अम्बाला शहर के साहित्यकार पंकज शर्मा को पिछले तीस वर्षों से शिलांग में हिंदी के प्रचार-प्रसार को समर्पित संस्था ‘पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी’ द्वारा त्रिपुरा विश्वविद्यालय, त्रिपुरा (अगरतला) में ‘उर्मि कृष्ण हिंदी सेवी सम्मान’ से सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम 3 से 5 फरवरी को आयोजित किया गया था, जिसमें भारतवर्ष के 15 राज्यों के 60 साहित्यकारों एवं हिंदी सेवियों ने भाग लिया।
इसके अतिरिक्त पंकज शर्मा द्वारा कार्यक्रम में न केवल कवि-सम्मेलन में कविता-पाठ किया गया, बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान उनके द्वारा एक देशभक्ति गीत एवं एक फिल्मी गाना भी प्रस्तुत किया गया, जिसकी सभी ने सराहना की।
विदित है कि पंकज शर्मा की अभी तक कुल पांच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें से ‘हरियाणा साहित्य अकादमी, पंचकूला’ द्वारा तीन पुस्तकों पर उन्हें अनुदान दिया जा चुका है, जबकि दो पुस्तकों को ‘श्रेष्ठ पुस्तक पुरस्कार’ से भी पुरस्कृत किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त विभिन्न संस्थाओं द्वारा भी उन्हें पुरस्कृत/सम्मानित किया जा चुका है।
उनकी हास्य-व्यंग्य की पुस्तक ‘मुफ्त बातों के मुफ़्तलाल’ काफी चर्चित रही है।
अम्बाला शहर के साहित्यकार पंकज शर्मा को ‘पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलांग’ ने अगरतला में किया सम्मानित।
‘शुभ तारिका’ (मासिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका) एवं ‘कहानी लेखन महाविद्यालय’ (संस्थान) से जुड़े अम्बाला शहर के साहित्यकार पंकज शर्मा को पिछले तीस वर्षों से शिलांग में हिंदी के प्रचार-प्रसार को समर्पित संस्था ‘पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी’ द्वारा त्रिपुरा विश्वविद्यालय, त्रिपुरा (अगरतला) में ‘उर्मि कृष्ण हिंदी सेवी सम्मान’ से सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम 3 से 5 फरवरी को आयोजित किया गया था, जिसमें भारतवर्ष के 15 राज्यों के 60 साहित्यकारों एवं हिंदी सेवियों ने भाग लिया।
इसके अतिरिक्त पंकज शर्मा द्वारा कार्यक्रम में न केवल कवि-सम्मेलन में कविता-पाठ किया गया, बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान उनके द्वारा एक देशभक्ति गीत एवं एक फिल्मी गाना भी प्रस्तुत किया गया, जिसकी सभी ने सराहना की।
विदित है कि पंकज शर्मा की अभी तक कुल पांच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें से ‘हरियाणा साहित्य अकादमी, पंचकूला’ द्वारा तीन पुस्तकों पर उन्हें अनुदान दिया जा चुका है, जबकि दो पुस्तकों को ‘श्रेष्ठ पुस्तक पुरस्कार’ से भी पुरस्कृत किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त विभिन्न संस्थाओं द्वारा भी उन्हें पुरस्कृत/सम्मानित किया जा चुका है।
उनकी हास्य-व्यंग्य की पुस्तक ‘मुफ्त बातों के मुफ़्तलाल’ काफी चर्चित रही है।