अम्बाला पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस में धारा 120-बी भी जोड़ी, पुलिस को कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद
रिमांड के दौरान होंगे कई सनसनीखेज खुलासे, किसके इशारे पर रची गई थी शांडिल्य की हत्या की साजिश
अम्बाला : एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य की हत्या की साजिश रचते हुए नकाबपोशों ने उन पर हमला किया लेकिन वीरेश शांडिल्य की किस्मत अच्छी थी जो 4 फरवरी को दोपहर 12.20 पर पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने खालिस्तान व कौमी इंसाफ मोर्चा के खिलाफ ज्ञापन देने का समय दिया था। अगर वीरेश शांडिल्य 4 फरवरी को अपने दफ्तर अम्बाला शहर पालिका विहार होते तो उनकी नकाबपोशों द्वारा हत्या करना तय था। आज अम्बाला पुलिस ने एसएचओ राम कुमार के नेतृत्व में नकाबपोश 2 आरोपियों को आज गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली। और अम्बाला पुलिस ने जहां इस मामले में 452, 506, 427, 34 के तहत 4 फरवरी 2023 को मामला दर्ज किया था लेकिन अम्बाला पुलिस ने इस मामले में धारा 120 भी जोड़ दी है। नकाबपोश आरोपियों को आज अम्बाला पुलिस ने जज रवनीत की कोर्ट में पेश किया, जहां आरोपियों की तरफ से प्रमोद चौहान वकील पेश हुए जबकि एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने अपने केस की बहस खुद की, जहां आरोपियों का वकील पुलिस रिमांड का विरोध कर रहा था कि किसी किस्म की कोई रिकवरी प्रवीन चौहान से नहीं करनी तो इस पर वीरेश शांडिल्य ने अदालत को पुख्ता दलीलें दी और कहा कि प्रवीन चौहान काम प्रॉपर्टी डीलर का करता है और लोगों की हत्या करवाने के लिए भाड़े के लोग भेजता है। हथियार उपलब्ध करवाता है।
वीरेश शांडिल्य ने जज रवनीत कौर से कहा कि ऐसे लोग समाज में कोरोना से भी खतरनाक है जो पैसे लेकर हत्या करवाते हैं, हत्यारे उपलब्ध करवाते हैं। वीरेश शांडिल्य ने अदालत को बताया कि वह लगातार पुलिस को हमले की आशंका बता रहे थे लेकिन पुलिस ने उस पर गंभीरता नहीं दिखाई और अगर 4 फरवरी को वह पंजाब के राज्यपाल के पास न होते, न केवल वह खुद बल्कि उनका छोटा बेटा भी मौत के घाट उतार दिया जाता। वीरेश शांडिल्य ने अदालत को बताया कि उनका सुरक्षा का मामला 2018 से हाईकोर्ट में विचाराधीन है। और उन्होंने कहा कि अभी भी कोर्ट परिसर में आरोपियों के साथ भारी संख्या में अज्ञात लोग आए हुए थे। हो सकता है कोई इनमें से नकाबपोश भी हो जिसकी अभी गिरफ्तारी होनी है। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि आरोपियों का वकील कह रहा है कि कोई बरामदगी नहीं है, इस पर वीरेश शांडिल्य ने अदालत को कहा कि इस केस को धाराओं से जोड़कर या रिकवरी से जोड़कर न देखा जाएं। यह मामला मेरी हत्या का था। और इसमें कई मगरमच्छ शामिल है। और पुलिस ने अभी गाड़ी बरामद करनी है और जांच अधिकारी ने बताया कि इसमें 2 गाड़ियों का इस्तेमाल हुआ है। वहीं वीरेश शांडिल्य ने जज रवनीत कौर एक एप्लीकेशन अपनी सुरक्षा के लिए दी और दूसरा एप्लीकेशन में कहा कि जांच अधिकारी को आदेश दिए जाएं कि दोनों आरोपियों का इतिहास क्या है, वो पेश किया जाएं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि प्रवीन चौहान एक गैंगस्टर किस्म का व्यक्ति है और जिस सतपाल उर्फ सत्ता को पुलिस ने प्रवीन चौहाल की निशानदेही पर गिरफ्तार करना है, वह सतपाल उर्फ सत्ता उत्तर भारत के कई गैंगस्टरों के संपर्क में है। वीरेश शांडिल्य ने अपील की कि गैंगस्टरों का मेरी हत्या करने का मोटिव क्या था, वो तभी जाना जा सकता है कि जब आरोपी पुलिस रिमांड में होगा। अदालत में आरोपियों के वकीलों की दलीलों को खारिज करते हुए वीरेश शांडिल्य की पुख्ता दलीलों के बाद नकाबपोश हमलावरों प्रवीन चौहान व मनजिंद्र सिंह का एक दिन का पुलिस रिमांड दिया। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि यदि मामले की जांच सीआईए स्टाफ भी करें तो रिमांड के दौरान कई सनसनी खुलासे वीरेश शांडिल्य की हत्या को लेकर हो सकते हैं और हमलावर किन गैंगस्टरों के संपर्क में है पता चल सकता है।