नियम 71(2) में न. नि. कमिश्नर को 60 दिनों में करवाना था निर्वाचन – हेमंत
अम्बाला शहर – 2 अप्रैल 2021 अंबाला नगर निगम के दूसरे आम चुनावों संपन्न होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों के नामों की नोटिफिकेशन जारी हुए पूरे 90 दिन हो गए परंतु आज तक नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव नहीं करवाया गया है.
अंबाला कैंट विधानसभा हलके के विधायक अनिल विज वर्तमान प्रदेश सरकार में गृह, स्वास्थ्य के साथ साथ शहरी स्थानीय निकाय विभाग के कैबिनेट मंत्री भी है परंतु उन्हीं के गृह जिले की एकमात्र नगर निगम में ही हरियाणा नगर निगम निर्वाचन नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है.
शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा नगर निगम निर्वाचन नियमावली, 1994 के मौजूदा नियम संख्या 71(2) में यह स्पष्ट उल्लेख है कि नगर निगम के आम चुनावों के बाद निर्वाचित नगर निगम मेयर/सदस्यों के नाम नोटिफाई होने के 60 दिनों के भीतर नगर निगम कमिश्नर द्वारा 48 घंटे के नोटिस पर सदन की बैठक बुलाई जाएगी जिसके एजेंडा में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का निर्वाचन करवाना होगा.
हालांकि आज तक अंबाला नगर निगम कमिश्नर पार्थ गुप्ता, आईएएस द्वारा ऐसा नहीं किया गया जो उनका उक्त नियमानुसार कानूनन दायित्व/जिम्मेदारी बनती है. अब इसके पीछे क्या कोई प्रशासनिक कारण हैं या कुछ और, यह सार्वजनिक होना चाहिए.
उन्होंने बताया कि न केवलअंबाला नगर निगम बल्कि नवनिर्वाचित पंचकूला और सोनीपत नगर निगमों में भी संबंधित नगर निगम कमिश्नर द्वारा उक्त दोनों पदों के लिए चुनाव नहीं करवाए गए हैं हालांकि 90 दिन पहले 1 जनवरी 2021 को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा इन तीनों नगर निगमों के निर्वाचित मेयर/सदस्यों के नाम नोटिफाई किए गए थे.उपरोक्त 1994 नियमावली के नियम 71(2) अनुसार गत माह 2 मार्च 2021 तक ऐसा अवश्य हो जाना चाहिए था, जो, चाहे कोई भी वजह रही हो, नहीं हो पाया है जोकि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने आगे बताया कि हालांकि हरियाणा नगर निगम चुनाव नियमावली, 1994 में सीनियर डिप्टी और डिप्टी मेयर का चुनाव करवाने के लिए नियम संख्या 71(2) में केवल नगर निगम कमिश्नर को ही स्पष्ट तौर पर अधिकृत किया गया है जो इस सम्बन्ध में बैठक बुलायेगा जिस बैठक की अध्यक्षता हालांकि नगर निगम की मेयर द्वारा की जायेगी परन्तु चूंकि नियम संख्या 72 में, जो इन चुनावों में वोटिंग (मतदान) से संबंधित है, में डिवीजनल कमिश्नर (मंडल आयुक्त) का भी उल्लेख है, हालांकि एक ही चुनाव में उक्त दोनों अधिकारियों के शामिल होने का कोई औचित्य नहीं बनता.
लिखने योग्य है कि सवा दो वर्ष पूर्व दिसंबर, 2018 में हरियाणा की पांच नगर निगमों – करनाल, पानीपत, यमुनानगर, हिसार और रोहतक के आम चुनाव करवाए गए हालांकि उक्त चुनावो के दो वर्षो बाद गत नवंबर, 2020 से पांचो नगर निगमों के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव करवाने की कवायद आरंभ हुई एवं इस कड़ी में पहले करनाल, फिर रोहतक, हिसार, यमुनानगर और तत्पश्चात पानीपत नगर निगम के सीनियर डिप्टी और डिप्टी मेयर का चुनाव करवाया गया था.
रोचक बात यह है कि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर को सम्बंधित मंडल आयुक्त द्वारा नहीं बल्कि नगर निगम कमिश्नर द्वारा पद और निष्ठां की शपथ दिलवाई जा रही है हालांकि इस सम्बन्ध में कानून और निर्वाचन नियमो में उल्लेख ही नहीं है. आज तक राज्य सरकार के स्थानीय शहरी निकाय विभाग द्वारा करनाल, रोहतक, हिसार, यमुनागर और पानीपत के निर्वाचित सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर सम्बन्धी गजट नोटिफिकेशन ही नहीं जारी की गयी है. वहीं दूसरी ओर हालांकि वर्ष 2017 में पहले फरीदाबाद और फिर गुरुग्राम नगर निगमों के आम चुनावों के एक माह के भीतर भी मेयर के साथ साथ ही इन नगर निगमों के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का निर्वाचन भी कर लिया गया था.
हेमंत ने बताया कि जून, 2013 में अंबाला नगर निगम के पहले आम चुनावों के बाद 7 जून, 2013 को नव निर्वाचित नगर निगम सदस्यों की नोटिफिकेशन जारी हुई एवं इसके 30 दिनों के भीतर ही पहले 2 जुलाई, 2013 को निर्दलयी रमेश मल को नगर निगम अम्बाला का पहला मेयर चुना गया था. फिर 1 अगस्त 2013 को दुर्गा सिंह अत्री सीनियर डिप्टी मेयर और सुधीर जैसवाल डिप्टी मेयर निर्वाचित हुए अर्थात दोनों पदों का चुनाव भी 60 दिनों से पहले ही करवा लिया गया था.
हेमंत ने अत्यंत हैरानी जताते हुए बताया कि बीती 25 फरवरी को शहर के पंचायत भवन में संपन्न हुई अंबाला नगर निगम सदन की बैठक में न तो मेयर शक्ति रानी शर्मा और उनकी पार्टी हरियाणा जनचेतना पार्टी (वी) – हजपा के और न ही विपक्षी भाजपा, कांग्रेस और हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट (एचडीएफ) के नगर निगम सदस्यों (जिन्हें पार्षद/काउंसलर आदि भी कहा जाता है हालांकि यह शब्द हरियाणा नगर निगम कानून में नहीं है) द्वारा नगर निगम कमिश्नर के साथ सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के निर्वाचन हेतू विशेष बैठक बुलाने का मामला ही नहीं उठाया गया जिससे यही प्रतीत होता है कि न मेयर की पार्टी हजपा और न हो विपक्षी भाजपा, जिन दोनों के मौजूदा सदन 8-8 नगर निगम सदस्य हैं, फिलहाल उक्त दोनों पदों के लिए चुनाव नहीं करवाना चाहते हैं संभवतः ताकि अपने अपने विरोधी खेमों में सेंधमारी कर अपनी संख्या बढ़ाकर उक्त पदों पर अपनी विजय सुनिश्चित कर सकें.