14 सितंबर 1953 में भारत की राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी की घोषणा की गई क्योंकि हिंदी सर्वाधिक राज्यों में बोली जाने वाली भाषा थी। इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए पीकेआर जैन पब्लिक स्कूल में तीन दिवसीय हिंदी की विभिन्न प्रतियोगिताओं एवं अनेक क्रियात्मक गतिविधियों का आयोजन किया गया ।सर्वप्रथम कक्षा आठवीं, नौवीं व दसवीं के लिए काव्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ,जिसमें छात्रों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इसके अतिरिक्त हिंदी भाषा के विकास एवं उसके उपयोग के लाभ तथा उपयोग ना करने की हानियों के बारे में छात्रों को अवगत कराने हेतु सूक्ति लेखन, शब्द श्रृंखला एवं चार्ट बनाना आदि क्रियात्मक गतिविधियां करवाई गई ।विद्यालय के प्रधानाचार्या श्रीमती नीरू शर्मा ने कहा कि भाषा को समृद्ध बनाने एवं उसके प्रति छात्रों में रुचि जगाने के लिए ऐसे कार्यक्रमों का समय-समय पर आयोजन करना अत्यंत आवश्यक है ।आज के दौर में जब युवा पीढ़ी पर पाश्चात्य प्रभाव गहरा रहा है, ऐसे समय में राष्ट्रभाषा के प्रति प्रेम उत्पन्न करने के लिए किए गए ऐसी और गतिविधियों को करवाने के लिए प्रेरित किया। विद्यालय के प्रधान श्री धर्मपाल जैन एवं समस्त कार्यकारिणी सदस्यों ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए अध्यापकों व छात्रों के इस प्रयास की भूरी भूरी प्रशंसा की और यह आशा जाहिर की कि अपनी भाषा संस्कृति व कला को अक्षम बनाए रखने के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे।