हरियाणा के निजी स्कूलों में नियम 134ए के तहत नि:शुल्क दाखिलों हेतु आज प्रदेश के सभी जिलों में बच्चों ने परीक्षा दी
आज दिनांक 05-12-2021 को हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा नियम 134-ए के तहत हरियाणा प्रदेश के गरीब परिवारों के होनहार बच्चो के प्रदेश के निजी स्कूलों में नि:शुल्क दाखिलों हेतु परीक्षाएं ली गईं, जिसमे जिला रेवाड़ी के प्रत्येक सेंटरों कैलाश चंद एड्वोकेट पहुँचे और आमजन की सहायता की। काफी बच्चो को रोल नंबर नहीं मिल रहे थे , उनके रोल नम्बर और सेंटर तलास करवाकर सेंटरो में एग्जाम हेतु बच्चो को भेजा। कैलाश चंद एड्वोकेट ने आमजन की सहायता करते हुए बताया कि इस बार भी प्रदेश के हजारों बच्चे टेस्ट देने आए हुए हैं। इस वर्ष 134 ए के आवेदन देरी से शुरू हुए , जिस कारण बहुत कम संख्या में आवेदन हुए और जानकारी के अभाव में काफी आवेदन निरस्त हो गए। क्योंकि आवेदन करते समय लोगों ने सोचा कि ये फॉर्म अगले वर्ष के लिये है , इसलिय उन्होंने आवेदन में बच्चे की आने वाली अगली कक्षा के लिये आवेदन कर दिए, जिस कारण वे बच्चे एग्जाम तो दे देंगे परन्तु जब दाखिलों के लिये स्कूलो में जाएंगे तो उनके दाखिले अगली कक्षा में होना सम्भव ही नही होगा,क्योंकि दाखिले के समय जब SLC की मांग की जाएगी तो उस समय पिछली कक्षा की एस0 एल0सी0 होगी तो स्कूल दाखिलों के लिये मना कर देंगे। अधिवक्ता ने बताया कि एग्जाम में बच्चो को 55 प्रतिशत नम्बर लेने अनिवार्य है। इससे कम नम्बर वाले बच्चो को 134ए में जगह नही दी जाएगी, इससे ऊपर नम्बर लेने वालों में जो बच्चा ज्यादा नम्बर लेकर आएगा उसको सबसे पहले उसके अनुसार भरे स्कूल में नाम अलॉट किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त अधिवक्ता ने यह भी बताया कि यहाँ एग्जाम में बच्चे के पास होने और सरकार द्वारा स्कूल अलॉट होने के उपरांत जब बच्चे अलॉट स्कूल में दाखिले के लिये जाएंगे तो निजी स्कूलो द्वारा दाखिलों के लिये परेशान किया जाता है, या अमान्य मदो में फीस लेने के बाद दाखिला दिया जाने के सर्त रखी जाती है, जैसे स्मार्ट क्लास, कम्प्यूटर क्लास, आई कार्ड चार्ज, डायरी चार्ज, दाखिला फीस, या अन्य प्रकार से बच्चो ओर अभिभावको को परेशानियो का सामना करना पड़ता है । उसके लिये कोई भी पीड़ित अभिभावक या बच्चा कोर्ट रेवाड़ी में आकर उनसे नि:शुल्क सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
आज 134ए के टेस्ट में आमजन को हुई परेशानियाँ :
सेंटरो के बारे में जानकारी का आभाव रहा। सरकार को चाहिए था कि एग्जाम सेन्टर के बारे में आवेदनकर्ता के मोबाइल पर sms से सूचित किया जा सकता था कि उनका एग्जाम सेन्टर कहाँ पर है।
एग्जाम सिलेबस के बारे में जानकारी नहीं थी। सरकार को sms द्वारा सूचित करना था कि आवेदनकर्ता द्वारा पास की गई कक्षा के सिलेबस से ही पेपर आने है।
एग्जाम सेंटरो पर रोल नम्बर तलास करने में परेशानी हुई:
सरकार को चाहिय था कि एग्जाम सेंटरो पर सुबह 9 बजे ही रोल नम्बर लिस्ट बाहर लगानी चाहिए थी, जिससे रोल नम्बर तलास करने में आमजन को परेशान न होना पड़ता।
कैलाश चंद एड्वोकेट ने कहा कि गरीब परिवारों की निजी स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा के लिये वे काफी समय से संघर्ष करते आ रहे हैं।अगर किसी भी बच्चे को 134ए की शिक्षा में भेदभाव या अन्य किसी प्रकार से स्कूलो द्वारा परेशान किया जायेगा तो ऐसे पीड़ित लोगों की सहायता हेतु वे हमेशा आगे खड़े रहे हैं और भविष्य में भी आगे ही खड़े नजर आएंगे। नि:शुल्क सहायता हेतु उन्होंने अपने मोबाइल नम्बर भी जारी किए :
קמגרה למכירה במודיעין פעמים רבות אנחנו יודעים שאנחנו צריכים לעשות משהו, אבל “רק הפעם” פשוט נמנעים מלעשות את זה, פשוט כי זה דורש יותר מדי מאמץ. אותו הדבר ������� ������� ��� �������