अम्बाला , 13 सितम्बर (सुमन ) – गृहमंत्री अनिल विज इन दिनों पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं लेकिन डाक्टरों की सलाह के बाबजूद उन्होंने अपने व्यस्त दिनचर्या में कोई कटौती नहीं की है | वह सुबह 6 बजे से रात को बिस्तर पर जाने तक कुछ न कुछ करते रहे हैं |
उनका सुबह का डेढ़ घंटा सदर बाजार टी प्वाइंट पर चाय के चुस्कियों व पुराने साथियों से गपशप में गुजरता हैं तो दोपहर 12 बजे तक अपने निवास पर अम्बाला के लोगों से मिलते जुलते हैं | करीब एक बजे तैयार होकर चंडीगढ़ सचिवालय जाते हैं और शाम को 6-7 बजे घर लौट कर खाना खाने के बाद टीवी की ख़बरें देखने में लग जाते हैं | सोने के लिए उन्हें मुश्किल से 6 घंटे ही नसीब होते हैं | घर वालों के हिस्से में तो बचा खुचा समय ही आ पाता है |
करीब एक पखवारा पहले आक्सीजन की मात्रा में गिरावट आने के बाद उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती करवाया गया था जहाँ उन्हें एक सप्ताह भर्ती रहना पडा | लौटने पर डाक्टरों, परजनों व उनके शुभचिंतकों ने उन्हें सलाह दी कि अभी करीब दो सप्ताह तक वह पूरी तरह से आराम करें लेकिन अम्बाला पहुँचने के अगले दिन वह अपने लम्बे सियासी सफ़र के केंद्र सदर बाजार के टी प्वाइंट पर दोस्तों से मिलने पहुँच गए और चाय की चुस्कियों के साथ जम कर गपशप भी की |
बीमार होने की वजह से करीब एक महीने तक हर शनिवार को लगने वाला उनका साप्ताहिक जनता दरबार रद्द रहा जिसमे प्रदेश भर के सैकडों लोग अपने साथ हो रही ज्यादतियों की शिकायत लेकर पहुँचते हैं | पीजीआई से लौटने के तीसरे दिन ही विज फिर से साप्ताहिक दरबार लगाने का ऐलान कर दिया |उनकी सेहत को देखते हुए दरबार का समय दोपहर 11 से एक बजे तक का रखा गया था लेकिन शाम 7 बजे तक जब तक सारे फरियादी निपट नहीं गए दरबार जारी रहा | विज ने करीब 500 लोगों की शिकायतों को मौके पर ही निपटाया जिसके चलते वह अपना दोपहर का खाना भी नहीं खा पाए |
दरअसल अनिल विज ने 20 नवम्बर 2020 को हरियाणा में सबसे पहली कोरोना वैक्सीन की डोज लगवाई थी | उसके कुछ समय बाद ही उन्ही तबियत ख़राब होने लगी | उन्हें पहले पीजीआई रोहतक व बाद में करीब एक महीना मेदान्ता अस्पताल गुरुग्राम में भर्ती रहना पड़ा| वहां एक समय तो ऐसा भी आया जब डाक्टरों भी उनकी सलामती को लेकर हाथ खड़े कर दिए थे लेकिन दोस्तों की दुआएं काम आ गयीं | अम्बाला लौटने के बाद विज पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाये और उनकी आक्सीजन का उतार चढ़ाव का सिलसिला जारी रहा | यह उनके असीम आत्म विश्वास ही है जिसने उन्हें आज तक टूटने नहीं दिया |
विज का कहना है कि वह अकेले बिस्तर पर पड़े नहीं रहना चाहते | लोगों के बीच काम करने के जनून से उन्हें जो उर्जा मिलती है वही उनकी असली प्राण वायु है | उनका कहना है कि लोगों ने मुझे बड़े भरोसे के साथ सरकार में भेजा है , मैं यदि उनकी कसौटी पर खरा साबित न हो पाया ता यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी हार होगी | जब तक मेरी साँसें चलती रहेंगी तब तक मैं पूरी ईमानदारी , निर्भीकता और निष्पक्षता से लोगों की सेवा करता रहूँगा | हो सकता है मुझे इसकी कोई बड़ी कीमत भी चुकानी पड़े लेकिन मुझे इसकी चिंता नहीं है | अक्सर दोस्तों के बेच वह एक कविता दोहराते है – “ तुम्हारी दुआओं से मैं ज़िंदा हूँ वरना मैं तो छोटा सा परिंदा हूँ “ |
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