अम्बाला 5 जुलाई:- कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा0 गिरीश नागपाल ने बताया कि खरीफ सीजन में धान की रोपाई का सीजन जारी है लेकिन जिले में गिरते भू-जल स्तर को देखते हुए कृषि विभाग किसानों को धान की सीधी बिजाई करने की सलाह दे रहा है। प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से किसानों को धान की सीधी बिजाई के प्रति जागरूक किया जा रहा है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार धान की सीधी बिजाई से न केवल धान की लागत कम होगी बल्कि समय व धन की बचत के साथ उत्पादन भी अधिक होता है।
उन्होंने बताया कि कृषि विभाग, हरियाणा की ओर से जिला अम्बाला को 2000 एकड़ में धान की सीधी बिजाई हेतू लक्ष्य दिया गया है। जिसके चलते करीब 3200 एकड़ में धान की सीधी बीजाई हो चुकी है। योजना के तहत धान की सीधी बिजाई करने वाले किसान को 5000/- रूपये प्रति एकड़ का अनुदान देने का प्रावधान है। खेतों की फिजिकल वैरिफिकेशन का काम युद्घ स्तर पर जारी है जिसमें पटवारी, सम्बन्धित किसान की फोटो भी सम्बन्धित खेत में ली जाती है। जो किसान इस स्कीम का लाभ लेना चाहते हैं उन्हें बिजाई के तुरंत बाद अपना पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर करना होगा। उन्होंने बताया कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण के बाद किसानों के खेतों का भौतिक सत्यापन कृषि विकास अधिकारी, पटवारी, नम्बरदार व संबंधित किसान द्वारा किया जा रहा है। अत: किसान भाईयों से अनुरोध किया जाता है कि भूमिगत जल के संरक्षण हेतू धान की सीधी बिजाई को बढ़ावा दें व योजना का लाभ लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाएं व अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि कार्यालय से संपर्क करें।
गिरते भूजल को संरक्षित एवं संवर्धित करने के लिये धान की सीधी बिजाई रहेगी फायदेमंद:-गिरीश नागपाल।
