अम्बाला, 23 जुलाई:- अम्बाला लोकसभा के सांसद रतनलाल कटारिया ने कहा कि किसानों को मुनाफे में लाने पर भारत सरकार का पूरा जोर है, किसानों की आय को दोगुना करने के लिए केंद्र सरकार ने अपने स्तर पर कई बड़े कदम उठाए हैं, जिनमें खेती की लागत में कमी लाने और उसकी उपज का उचित मूल्य दिलाने का प्रयास किया गया है साथ ही पैदावार के साथ आय बढ़ाने पर जोर दिया गया है। यह जानकारी उन्होंने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।
सांसद रतनलाल कटारिया ने कहा कि कोविड़-19 के दौर में देश की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई है, दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है। ऐसे में भी हमारे गांव की अर्थव्यवस्था ने अपने आय को मजबूती से खड़े रखा है। उन्होंने बताया कि 10 हजार नए एफपीओ 6865 करोड रुपए खर्च कर बनाए जा रहे हैं, इन्हें 2 करोड़ रुपए तक का लोन दिया जा रहा है, साथ ही ब्याज में भी छूट दी जा रही है। कृषि व संबंधित क्षेत्रों में डेढ़ लाख करोड रुपए से ज्यादा का फंड सरकार ने निर्धारित किया है। लगभग 4 हजार करोड रुपए का लोन अब तक वितरित हो चुका है। इसका फायदा निश्चित रूप से निचले स्तर तक मिलेगा।
उन्होंने बताया कि किसानों की दशा सुधारने के लिए उनकी आमदनी को 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य था। किसानों की आमदनी के लिए वर्ष 2015-16 का आधार वर्ष मानकर नेशनल सैंपल सर्वे ऑफ इंडिया के अनुमान को लक्षित किया गया और 2015-16 में मूल्यों के आधार पर किसानों की प्रतिवर्ष औसतन आमदनी 96703 आंकी गई थी, लेकिन वर्ष 2020-21 में कृषि क्षेत्र की विकास दर 3.4 फीसदी आंकी गई है। आमदनी को दोगुना करने के लिए सरकार ने इस दिशा में कई लगातार प्रयास शुरू किए है।
वर्ष 2013-14 में कृषि बजट जहां मात्र 21933 करोड़ रूपए था, वह वर्ष 2020-21 में 5.5 गुणा बढक़र 1,23,018 करोड़ रुपए पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि विगत 7 वर्षों 2014 से जनवरी 2021 तक के दौरान की फसलों की 1575 किस्में विकसित की गई जिनमें अनाजों की 770, तिलहन की 235, दालों की 236 चारा फसलों की 104, गन्ने की 52 तथा अन्य फसलों की 8 किस्में शामिल की गई हैं। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों के बारे में किसानों को सूचना प्रदान करने के लिए सरकार ने देश में 725 कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित किए हैं जिससे किसानों को कृषि करने में बढ़ावा मिलता है।
खेती को मुनाफे में लाने पर सरकार का जोर:-सांसद रतन लाल कटारिया।
