प्रतिदिन एक करोड़ नागरिकों के लिए वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने व भारत के हर नागरिक को मुफ्त वैक्सीनेशन की मांग ।
अम्बाला I सरकार की कोरोना महामारी में नकारात्मक भूमिका टीकाकरण की ढुलमुल नीति, धीमी गति और विभिन्न मूल्य निर्धारण पद्धतियों ने देश में एक और बड़ा संकट पैदा कर दिया है। इस संदर्भ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की माननीया अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी तथा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षा कुमारी सेलजा के निर्देशानुसार एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें श्री राम किशन गुज्जर (पूर्व सी. पी. एस), वरुण चौधरी (विधायक, मुलाना), रोहित जैन (कोषाध्यक्ष, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी), जसबीर मल्लोर(पूर्व विधायक), वेणु अग्रवाल (प्रवक्ता, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी), सुधीर जैसवाल( पूर्व डिप्टी मेयर, म्युनिसिपल कारपोरेशन अम्बाला ) आदि मौजूद थे द्वारा नि:शुल्क सार्वभौमिक टीकाकरण के लिए केन्द्र की भाजपा सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया!
कांग्रेस नेताओं ने कहा कोविड-19 ने लगभग हर भारतीय परिवार को अप्रत्याशित तबाही एवं असीम पीड़ा दी है।दुख की बात है कि मोदी सरकार ने कोरोना से लड़ने की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है और लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है।सच्चाई यह है कि केंद्र की भाजपा सरकार कोविड-19 के अपराधिक कुप्रबंधन की दोषी है। जहाँ आज हर नागरिक को वेक्सीनेशन की आवश्यकता हैं वहीँ प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है टिके धीरे- धीरे लगाये जायें ताकि अधिक समय तक चल सकें! उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री शायद भूल गये हैं की आज टीकों को बचाने की नहीं बल्कि लोगों को बचाने की आवश्यकता है lउन्होंने यह भी कहा की कोविड-19 महामारी के बीच वैक्सीनेशन ही एकमात्र सुरक्षा है। मोदी सरकार की वैक्सीनेशन की रणनीति भारी भूलों की एक खतरनाक कॉकटेल है। भाजपा सरकार ने ‘वैक्सीनेशन की योजना’ बनाने का अपना कर्तव्य ही भुला दिया।भाजपा सरकार निंदनीय रूप से ‘वैक्सीन की खरीद’ से बेखबर रही। केंद्र सरकार ने जानबूझकर एक ‘डिजिटलडिवाईड’ पैदा किया, जिससे वैक्सीनेशन की प्रक्रिया धीमी हो गई।
जहां अन्य देशों ने मई, 2020 से वैक्सीन खरीदने के ऑर्डर देने शुरू कर दिए थे, वहीं मोदी सरकार ने भारत को इसमें विफल कर दिया।केंद्र सरकार ने वैक्सीन का पहला ऑर्डर जनवरी, 2021 में जाकर दिया।जनपटल पर मौजूद जानकारी के अनुसार, मोदी सरकार राज्य सरकारों ने 140 करोड़ की जनसंख्या के लिए आज तक केवल 39 करोड़ वैक्सीन खुराकों का ऑर्डर दिया है।
कांग्रेसियों ने ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया की भारत सरकार के अनुसार, 31 मई, 2021 तक केवल 21.31 करोड़ वैक्सीन ही लगाई गईं। पिछले 134 दिनों में, वैक्सीनेशन की औसत गति लगभग 16 लाख खुराक प्रतिदिन है ।इस गति से, देश की पूरी व्यस्क जनसंख्या को वैक्सीन लगाने में तीन साल से ज्यादा समय लग जाएगा।यदि ऐसे ही चलता रहा, तो हम देश के नागरिकों को कोरोना की तीसरी लहर से कैसे बचा पाएंगे, इस सवाल का जवाब मोदी सरकार को देना होगा।इस विक्राल महामारी के बीच हमारे देश के नागरिक कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार वैक्सीन का निर्यात करने में व्यस्त है।केंद्र की भाजपा सरकार आज तक वैक्सीन की 6.63 करोड़ खुराक दूसरे देशों को निर्यात कर चुकी है।यह देश के लिए सबसे बड़ा नुकसान है।मोदी सरकार द्वारा वैक्सीन के लिए तय की गई अलग अलग कीमतें लोगों की पीड़ा से मुनाफाखोरी का एक और उदाहरण हैं। मोदी सरकार द्वारा एक ही वैक्सीन की अलग अलग कीमतें तय करना लोगों की पीड़ा से मुनाफाखोरी कमाने का नुस्खा है।
कांग्रेस का मानना है आज जरूरत है कि केंद्र सरकार वैक्सीन खरीदे और राज्यों एवं निजी अस्पतालों को निशुल्क वितरित करे, ताकि वह भारत के नागरिकों को मुफ्त लगाई जा सके। साथ ही हमें 31 दिसंबर, 2021 तक या उससे पहले 18 साल से अधिकआयु की पूरी व्यस्क जनसंख्या को वैक्सीन लगाने का काम पूरा करने की जरूरत है। देश के नागरिकों का बचाव करने का यही एकमात्र रास्ता है। इसका एकमात्र उपायहै कि एक दिन में कम से कम एक करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाए !इसीलिए हम राष्ट्रपति जी से निवेदन करते हैं कि आप मोदी सरकार को दिन में एक करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाए जाने एवं यूनिवर्सल मुफ्त वैक्सीनेशन का निर्देश दें। कोविड-19 महामारी से लड़ाई एवं इस बीमारी को हराए जाने का यही एकमात्र रास्ता है। हर भारतीय को कोरोना से जीत दिलाने का भी यही एकमात्र रास्ता है।
कांग्रेसजनों ने उपायुक्त के माध्यम से माननीय राष्ट्रपति महोदय से उम्मीद जताते हुए कहा कि आप हमारे देशवासियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सहानुभूति-पूर्वक विचार करेंगे और हमारी उपरोक्त मांगों पर उचित कार्यवाही के आदेश देंगे।